एटीएम
धोखाधड़ी से सावधान रहें
नहीं तो अगला शिकार
हो सकते हैं आप एटीएम पर
1 गलती और खाता खाली
पिछले 1 वर्ष में एटीएम फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। यह एक ऐसी समस्या बन गई है जिसने आम लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है। ठगो का नया जाल (एक गलती और खाता )की कहानी भी ऐसे ही एक एटीएम फ्रॉड की घटना पर आधारित है, खासतौर पर बुजुर्गो और तकनीकी रूप से जानकर लोगों को यह गैंग बड़ी चालाकी से निशाना बना रहा है जिसमें एक व्यक्ति की छोटी सी गलती ने उसकी जिंदगी को बदल कर रख दिया।
एटीएम फ्रॉड एक प्रकार का साइबर अपराध है, जिसमें अपराधी बैंक ग्राहकों के खातों से पैसे चुराने के लिए एटीएम मशीनों का गलत इस्तेमाल करते हैं। इसमें स्किमिंग, कार्ड क्लोनिंग, पिन हैकिंग, और फिशिंग जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। यह अपराधी ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी चुराकर उनके खातों तक पहुंच बना लेते हैं और पैसे निकाल लेते हैं।
ठगो का नया जाल की कहानी
ठगो एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता था। वह एक साधारण कर्मचारी था और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए मेहनत करता था। एक दिन, उसे अपने बच्चों की फीस भरने के लिए पैसों की जरूरत पड़ी। वह एटीएम पर पैसे निकालने गया। एटीएम बूथ में उसने अपना कार्ड डाला और पिन डालकर पैसे निकालने की प्रक्रिया शुरू की।
लेकिन, ठगो से एक छोटी सी गलती हो गई। उसने एटीएम मशीन पर लगे एक स्किमिंग डिवाइस को नहीं पहचाना। यह डिवाइस अपराधियों ने एटीएम मशीन पर लगा रखा था, जो थागो के कार्ड की जानकारी चुरा लेता है। कुछ दिनों बाद, ठगो को पता चला कि उसके खाते से एक बड़ी रकम गायब हो गई है। उसने तुरंत बैंक को सूचित किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
में हाल ही में हुई
वारदातें
ग्वालियर
तरह की वारदात 16 जून
को ग्वालियर में हुई है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के
ATM को हैक कर कैश ट्रे
के शटर से छेड़छाड़ कर
एक ठग ने 12 बार
में 12 ATM कार्ड का उपयोग कर
1.59 लाख रुपए निकाले हैं।
इंदौर
ही में इंदौर शहर के तीन अलग–अलग कैश डिपोजिट मशीन में ATM कार्ड लगाकर हैकर्स ने 21 बार में 2.10 लाख रुपए निकाले हैं। ATM से कैश निकालने
जिन खातों के डेबिट कार्ड
का उपयोग किया गया है वह सभी
हरियाणा के एड्रेस पर
बने हैं। पुलिस अब इन हैकर्स
की तलाश इंदौर से हरियाणा के
बीच कर रही है।
पुलिस ने कुछ दिन
पहले मेवात हरियाणा के दो ठगों
को पकड़ा था। जिनसे 86 ATM कार्ड, तीन मोबाइल, पेन कार्ड, आधार व वोटर कार्ड
मिले थे। यह लोग ATM मशीन
में ट्रिक लगाकर कैश निकालते थे और बाद
में ट्रांजेक्शन फेल का मैसेज आने
पर बैंक में आवेदन लगाकर कैश वापस करा लेते थे। इस ट्रिक से
बैंक फ्रॉड को नहीं पकड़
पाती थी। इन्होंने 92.39 लाख रुपए 182 ट्रांजेक्शन में ठगे थे।
ऐसे होती थी ठगी
तक इंदौर, भोपाल, ग्वालियर सहित मध्य प्रदेश में ठगी के जो मामले
सामने आ रहे थे,
वह साधारण तरीके के थे। इसमें
आम लोग ठगों का टारगेट होते
थे जैसे–
ब्लॉक का डर दिखाकर
डिटेल, OTP पूछकर ठगी करना।- ATM बूथ
के बाहर खड़े होकर ATM कार्ड बदलकर ठगी करना - ATM मशीन
में सर्वर डाउन होने की बात कहकर
ठगी करना - कस्टमर
केयर, ई–वॉलेट में
कैश बैक के नाम पर
ठगी - हैकर्स
ATM मशीन में ट्रिक लगाकर इस तरह निकालते
हैं कैश - हैकर्स
ATM मशीन में ट्रिक लगाकर इस तरह निकालते
हैं कैश - अब
ATM मशीन में ट्रिक लगाकर कर रहे ठगी
जब लोग ठगी के पुराने तरीके
समझने लगे और अलर्ट हुए
तो ठगों ने पैटर्न बदल
दिया। अब वह आम
लोगों को छोड़कर बैंक
को टारगेट करने लगे हैं। वह ATM मशीन, ऑटोमेटिक डिपोजिट–विड्रॉल मशीन से छेड़छाड़ कर
ठगी की वारदात को
अंजाम देने लगे हैं। हाल ही में मध्य
प्रदेश में तेजी से इस तरह
की घटनाएं हुई हैं। ज्यादातर घटनाएं जबलपुर, सागर, भोपाल, इंदौर व ग्वालियर में
हुई है। ग्वालियर, भोपाल, इंदौर,जबलपुर में मार्च, अप्रैल मई 2021 में इस तरह की
77 वारदातें हुई हैं।
एटीएम
फ्रॉड से बचाव के
उपाय
- एटीएम मशीन की जांच करें:
एटीएम का उपयोग करने
से पहले मशीन पर किसी अजनवी
डिवाइस या स्टिकर की
जांच करें। - पिन को सुरक्षित रखें:
कभी भी अपना पिन
किसी को नहीं बताना
चाहिए और इसे हमेशा
छुपाकर डालें। - रेगुलर अकाउंट चेक: अपने बैंक खाते की नियमित जांच
करते रहें और किसी भी
संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट तुरंत
करें। - स्मार्टफोन एलर्ट: बैंक द्वारा प्रदान किए गए स्मार्टफोन एलर्ट
को सक्रिय करें ताकि आपको हर लेनदेन की
सूचना मिल सके।दातें हुई हैं।